पटना के पारस हॉस्पिटल में गोलीबारी से पुरा बिहार
पटना के पारस हॉस्पिटल में सुबह-सुबह अपराधियों ने एक मरीज को गोली मारकर हत्या कर दी। बिहार में बढ़ते अपराध और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।

पटना के पारस हॉस्पिटल में गोलीबारी
बिहार की राजधानी पटना में एक बार फिर अपराधियों ने कानून-व्यवस्था को चुनौती दी है। 17 जुलाई 2025 की सुबह, राजा बाजार स्थित पारस हॉस्पिटल में अपराधियों ने घुसकर एक मरीज, चंदन मिश्रा, को गोली मारकर हत्या कर दी। इस सनसनीखेज घटना ने न केवल अस्पताल में अफरा-तफरी मचाई, बल्कि बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। यह ब्लॉग पोस्ट इस घटना की पूरी जानकारी देता है और बिहार में बढ़ते अपराध के कारणों पर प्रकाश डालता है।
घटना का विवरण
17 जुलाई 2025 को सुबह करीब 8 बजे, पटना के शास्त्री नगर थाना क्षेत्र में स्थित पारस हॉस्पिटल में चार अपराधी बेखौफ अंदाज में दाखिल हुए। इन अपराधियों ने चंदन मिश्रा नामक मरीज को निशाना बनाया, जो बक्सर में केसरी नामक व्यक्ति की हत्या के मामले में बेउर जेल में बंद था और इलाज के लिए पैरोल पर अस्पताल में भर्ती था।

अपराधियों ने चंदन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। गोलीबारी के बाद अपराधी मौके से फरार हो गए, जिससे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। शास्त्री नगर थाने की पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, और सीसीटीवी फुटेज की मदद से हमलावरों की पहचान करने की कोशिश शुरू की गई। हालांकि, इस हमले के पीछे का मकसद अभी स्पष्ट नहीं हैं।
चंदन मिश्रा कौन था?
चंदन मिश्रा बक्सर का रहने वाला था और एक आपराधिक मामले में जेल में बंद था। वह बक्सर में केसरी नामक व्यक्ति की हत्या के मामले में सजा काट रहा था। पैरोल पर इलाज के लिए पारस हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद वह अपराधियों का निशाना बना। इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या यह हमला पुरानी रंजिश का नतीजा था या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा।

बिहार में बढ़ता अपराध: एक चिंताजनक स्थिति
यह घटना बिहार में हाल के महीनों में बढ़ती आपराधिक वारदातों की एक कड़ी है। हाल ही में पटना और अन्य जिलों में कई गोलीबारी और हत्या की घटनाएं सामने आई हैं: – **
12 जुलाई 2025**: रामकृष्ण नगर में तृष्णा मार्ट के मालिक की गोली मारकर हत्या।
9 मई 2025**: बहादुरपुर थाना क्षेत्र में सैदपुर हॉस्टल के पास एक युवक की हत्या।
24 मई 2025**: बक्सर में बालू-गिट्टी विवाद में तीन चचेरे भाइयों की गोली मारकर हत्या।
इन घटनाओं ने बिहार में अपराधियों के बुलंद हौसले को उजागर किया है। सार्वजनिक स्थानों, जैसे अस्पतालों और पार्कों में गोलीबारी की घटनाएं आम लोगों में दहशत पैदा कर रही हैं। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने भी इन घटनाओं को लेकर सरकार पर निशाना साधा है, इसे “सत्ताधारी नेताओं द्वारा अपराधियों को संरक्षण” का परिणाम बताया।
कानून-व्यवस्था पर सवाल
पारस हॉस्पिटल जैसी संवेदनशील जगह पर गोलीबारी की घटना ने बिहार पुलिस और प्रशासन की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। अस्पताल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान पर इतनी बड़ी वारदात ने सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अपराधी बिना किसी डर के अस्पताल में घुसे और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। यह घटना न केवल पुलिस की नाकामी को दर्शाती है, बल्कि अस्पतालों में सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी को भी उजागर करती है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना के बाद पटना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। शास्त्री नगर थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू किया। फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड को भी जांच में शामिल किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने घटना की पुष्टि की, लेकिन हमले के मकसद पर अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही अपराधियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
बिहार में अपराध का बढ़ता ग्राफ:
क्या हैं कारण?
बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाओं के कई कारण हो सकते हैं:
1. **कमजोर पुलिस व्यवस्था**: पुलिस बल की कमी और संसाधनों का अभाव अपराधियों पर नकेल कसने में बाधा बन रहा है।
2. **पुरानी रंजिश और गैंगवार**: कई मामलों में पुरानी दुश्मनी और गैंगवार अपराध का कारण बन रही हैं।
3. **हथियारों की आसान उपलब्धता**: अवैध हथियारों की बढ़ती उपलब्धता ने अपराधियों के हौसले बुलंद किए हैं।
4. **राजनीतिक संरक्षण का आरोप**: विपक्ष का दावा है कि कुछ अपराधियों को सत्ताधारी नेताओं का संरक्षण प्राप्त है।
नागरिकों में दहशत और सरकार की जवाबदेही
पारस हॉस्पिटल में हुई इस घटना ने आम लोगों में असुरक्षा की भावना को और गहरा किया है। अस्पताल जैसे स्थान, जो सुरक्षा और उपचार का प्रतीक होते हैं, वहां ऐसी वारदातें होने से लोग भयभीत हैं। नागरिक अब सरकार से सख्त कदम और बेहतर सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर गुस्सा देखा जा रहा है, जहां लोग बिहार में बढ़ते अपराध के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
निष्कर्ष
पटना के पारस हॉस्पिटल में हुई गोलीबारी की घटना बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का एक और उदाहरण है। यह घटना न केवल पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। सरकार को अपराधियों पर लगाम कसने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने होंगे। साथ ही, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना होगा।
Call to Action
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