के के पाठक(K k pathak) के नज़र मे इस बार कमजोर शिक्षक :
बिहार के शिक्षा विभाग के उप-मुख्य सचिव, शिक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए सख्त निर्णय लेने में जुटे हुए हैं। इनके निर्णयों से शिक्षकों और बच्चों के माता-पिता भी चिंतित हो रहे हैं। इसी दौरान, उन्होंने बिहार के शिक्षकों के प्रति नया निर्णय लिया है।
के के पाठक(K k pathak) ने दिये निर्देश :
उन्होंने निर्देश दिया है कि वे ऐसे शिक्षकों की पहचान करें जो बच्चों को पढ़ाने में कमजोर हैं। सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ऐसे कमजोर शिक्षकों की पहचान करने के लिए विद्यालयी निरीक्षी पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में चार लाख शिक्षकों में से लगभग 20 फीसदी शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में कमजोर हैं।

कमजोर शिक्षको को दिया जायेगा प्रशिक्षन
शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि इन कमजोर शिक्षकों की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे डिपार्टमेंटल परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकें। ऐसे शिक्षकों को डायट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों में विद्या समीक्षा केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इसका मॉडल विकसित करने के लिए राज्य शिक्षा शोध और प्रशिक्षण परिषद द्वारा कठिन प्रयास किया जा रहा है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, बिहार के शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए सख्त निर्णयों के माध्यम से शिक्षा प्रणाली में सुधार करने का प्रयास बहुत महत्वपूर्ण है। यह निर्णय न केवल शिक्षकों की क्षमता में सुधार लाने का माध्यम है, बल्कि इससे बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त करने में भी सहायक होगा। शिक्षा प्रणाली में इस तरह के प्रयासों से राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार होने की उम्मीद है और इससे छात्रों के भविष्य को सुनहरा बनाने में सहायता मिलेगी।

Frequently Asked Questions (FAQs):
1. क्या इस निर्णय से सभी शिक्षकों को प्रभावित होगा?
नहीं, इस निर्णय का प्रभाव केवल वे शिक्षक होंगे जिनका पाठ देने में पर्याप्त स्तर नहीं है।
2. ऐसे शिक्षकों को कैसे पहचाना जाएगा?
शिक्षा विभाग ने विद्यालयी निरीक्षी पदाधिकारियों को उन शिक्षकों की पहचान करने के लिए संकेत दिए हैं जो बच्चों को अच्छे से पढ़ा नहीं पा रहे हैं।
3. क्या इन शिक्षकों को समर्थन मिलेगा?
हाँ, इन शिक्षकों को डायट के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे अपनी क्षमता में सुधार कर सकें।
4. क्या विद्यालयी शिक्षा में इसका कोई असर होगा?
हाँ, यह निर्णय शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए है जिससे बच्चों को अधिक उत्तम शिक्षा प्राप्त हो सके।
5. इस प्रक्रिया में शिक्षकों के लिए किस प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएगी?
इन शिक्षकों को विभिन्न शिक्षा प्रणालियों और उपयुक्त शिक्षा तकनीकियों की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिले।
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