बिहार के छपरा जिले के जलालपुर थाना क्षेत्र के भटकेशरी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। एक नौ साल की नाबालिग स्कूली छात्रा के साथ पांच युवकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया और इसके बाद उसकी बेरहमी से गला दबाकर हत्या कर दी गई। इस जघन्य अपराध के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश और दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
घटना का विवरण
घटना 24 मई 2025 को भटकेशरी गांव में उस समय हुई जब पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली नौ वर्षीय बच्ची अपने स्कूल जा रही थी। जानकारी के अनुसार, स्कूल से लगभग 200 मीटर की दूरी पर पांच युवकों ने बच्ची को जबरन उठाकर पास की झाड़ियों में ले गए। वहां उन्होंने बारी-बारी से उसके साथ गैंगरेप किया और फिर उसकी हत्या कर शव को झाड़ियों में फेंक दिया।कुछ ग्रामीणों ने घटना के समय आरोपियों को भागते हुए देखा और शोर मचाया। शोर सुनकर अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे, जहां उन्हें बच्ची का शव खेत में पड़ा मिला। ग्रामीणों ने तुरंत बच्ची के परिजनों और पुलिस को सूचना दी। इस घटना के बाद गांव में आक्रोश फैल गया और गुस्साए लोगों ने कथित तौर पर आरोपियों के घरों में आग लगा दी।
पुलिस की कार्रवाई
सूचना मिलते ही जलालपुर और बनियापुर थाने की पुलिस के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। सारण के पुलिस अधीक्षक (SP) कुमार आशीष, डीआईजी नीलेश कुमार, ग्रामीण SP शिखर चौधरी, और DSP राजकुमार ने घटनास्थल का दौरा किया और जांच शुरू की। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम ने भी मौके से साक्ष्य एकत्र किए।SP कुमार आशीष ने बताया कि सभी पांचों आरोपियों को ग्रामीणों के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया गया है। मृत बच्ची के परिजनों के बयान के आधार पर जलालपुर थाने में कांड संख्या 98/25 दर्ज किया गया है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच की जा रही है। SP ने यह भी आश्वासन दिया कि आरोपियों को स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सजा दिलाई जाएगी और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
गांव में तनाव और आक्रोश
इस क्रूर घटना के बाद भटकेशरी गांव और आसपास के क्षेत्रों में तनाव का माहौल है। गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कुछ स्थानीय लोगों ने आरोपियों के घरों पर हमला कर आगजनी की, जिसे पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद नियंत्रित किया। इस घटना ने एक बार फिर बिहार में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
यह घटना बिहार में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को उजागर करती है। सरकारी दावों के बावजूद कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आई है, इस तरह की वारदातें समाज में असुरक्षा की भावना को और गहरा करती हैं। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन इस मामले में कठोर कार्रवाई और न्याय की मांग कर रहे हैं।पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। साथ ही, प्रशासन ने पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करने का वादा किया है।
निष्कर्ष
छपरा की यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। इसने एक बार फिर बाल सुरक्षा और महिलाओं के खिलाफ हिंसा जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। प्रशासन से अपेक्षा है कि वह इस मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
